मुर्दे खा रहे गरीबों का राशन

Update: 2016-10-04 18:14 GMT
मुर्दे खा रहे गरीबों का राशन

अरुण मिश्रा (कम्युनिटी रिपोर्टर)

विशुनपुर (बाराबंकी)। सुनने में ये बात जरा अजीब लगेगी लेकिन जो कई साल पहले मर चुके हैं उनके नाम पात्र गृहस्थी में दर्ज हैं और उनके नाम का राशन भी लोग ले जाते हैं। यानी यह कहना गलत नहीं होगा कि गरीबों का राशन मुर्दे खा रहे हैं।

खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू हुए करीब छह माह का वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक कई गाँवों की सूचियों की खामियां दूर नहीं की जा सकी हैं। कहीं पात्र गृहस्थी के यूनिटों की संख्या गलत दर्ज है तो कहीं आधी अधूरी फीडिंग लाभार्थियों के लिए परेशानी का कारण बनी है। वहीं कई पात्रों का कई बार ऑनलाइन पंजीकरण के बाद भी सूची में नाम दर्ज नहीं हो सका है जिससे ग्रामीण परेशान हैं।

बाराबंकी मुख्यालय से 27 किमी दूर विकासखंड फतेहपुर की ग्राम पंचायत पटना में कई ऐसे लोगों के नाम दर्ज हैं जो कई साल पहले मर चुके हैं फिर भी इनके नाम आने वाला राशन इनके सगे संबंधी ले जाते है जिससे पात्रों को पात्र गृहस्थी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। पटना की पात्र गृहथी सूची में मुबारक पुत्र रज्जब अली, मंगल प्रसाद पुत्र सहजराम, ब्रम्हा पुत्र पेरू, रामसागर पुत्र बुधराम, कल्लू, नवरंग आदि के नाम सूची में दर्ज है जबकि ये कई साल पहले मर चुके हैं। इस गाँव में कुल 420 पात्र गृहस्थी के नाम दर्ज हैं। इनमे क्रमांक 49 से 203 तक लाभार्थियों के केवल एक ही यूनिट दर्ज हैं। जबकि अधिसंख्य घरों में यूनिटों की संख्या अधिक है। ग्रामवासी सुकई, पिंटू, ब्रह्मा, रामसागर, कल्लू, फूलमती आदि के घरों में कई यूनिट हैं परंतु कम यूनिट दर्ज होने से इन्हें केवल पांच किलो खाद्यान ही मिल पता है। कोटेदार रामशरन बताते हैं, "सूची के अनुसार वितरण करना मज़बूरी है। गाँव की सूची में 204 से 303 तक अधिकांश लाभार्थियों की फीडिंग आधी अधूरी है। वहीँ क्रमांक 304 से 410 तक नगर पंचायत फतेहपुर के नाम दर्ज हैं। सूची में बाहरी नाम दर्ज होने से गाँव के काफी पात्र कई बार ऑनलाइन पंजीकरण कराने के बाद भी पात्र गृहस्थी के लाभ से वंचित हैं।"

ग्राम पंचायत विशुनपुर के कोटेदार राजेंद्र प्रसाद की दुकान पर 486 पात्र गृहस्थी के लाभार्थी सम्बद्ध हैं। कुल 2125 लाभार्थियों की सूची में क्रमांक 1 से 55 तक अन्य गाँवों के लोगों के नाम दर्ज हैं। क्रमांक 56 से 63 तक पात्र गृहस्थी के नाम और पते गायब हैं। 64 से क्रमांक 286 तक अधिसंख्य लाभार्थियों के पते और कई के नाम ही दर्ज नहीं हो सके हैं। यहां 49 अंत्योदय कार्डों की पूरी की पूरी सूची ही त्रुटिपूर्ण हैं। जिसे आज तक दुरुस्त नहीं किया जा सका है। बसारा पंचायत के करीब 835 पात्र ग्रहस्थियों की सूची में भी करीब चार सैकड़ा लोगों की फीडिंग अधूरी दर्ज है। ग्राम पंचायत इसरौली की पात्र गृहस्थी सूची भी खामियों से भरी है। यहां क्रमांक 1 से 79 तक लोगों के नाम पता दर्ज नही हैं। अंत्योदय की फीड सूची में 18 नाम निन्दूरा ब्लॉक के लोगों के दर्ज हैं। जिससे ग्रामीणों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ती हैं। वहीं यूनिटों की संख्या कम दर्ज होने से कोटेदारों को भी लोगों की जिहालत का सामना करना पड़ रहा है।

ऑनलाइन के बाद भी न दर्ज हो सका नाम

ग्राम पंचायत टीकापुर में करीब आधा दर्जन मजरे हैं। यहां पात्र गृहस्थी की सूची में फिलहाल 237 नाम ही दर्ज हैं। मतिराम पुरवा निवासी रामलखन (55 वर्ष) ने बताया, "कई बार कार्ड के लिए ऑनलाइन आवेदन के बाद भी आजतक सूची में नाम दर्ज नहीं हो सका है। जिससे ग्रामीण खाद्य सुरक्षा के लाभ से वंचित हैं। यही स्थिति कमोबेश कई अन्य पंचायतों की भी है।"

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